कितनी होशियारी
कि सबकुछ बचाकर भी
कह जाते हैं लोग
समझाते हैं-यही है दुनियादारी
काश! हमें भी आ जाए ये अय्यारी
कहे तो कहे दिल इसे मक्कारी
कि सबकुछ बचाकर भी
कह जाते हैं लोग
समझाते हैं-यही है दुनियादारी
काश! हमें भी आ जाए ये अय्यारी
कहे तो कहे दिल इसे मक्कारी