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Wednesday, September 1, 2010

विनय : जैसा नाम वैसा का वैसा


Vinay N. Joshi
नामकरण संस्कार का अपना एक अभिप्राय है। यह बच्चे से जुड़ी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा ही एक नाम है विनय। पूरा नाम विनय एन. जोशी। बीकानेर से प्रकाशित होने वाली चर्चित वेब-पत्रिका छोटीकाशी डॉट कॉम के सर्वेसर्वा विनय जोशी आज यानी एक सितंबर को 27 साल के हो रहे हैं। इस 27 साल के सफरनामे में विनय के पास डिग्रियों की भरमार तो है ही लेकिन उसने इस अवधि में अपने से बड़ी उम्र के लोगों को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से परिचित कराने का जो बीड़ा उठाया है, वह न सिर्फ अद्भुत है बल्कि सुखद भी है। कई लोगों को नेट-फ्रेंडली कर चुके विनय को बदलते समय में बदल रही युवाओं की छवि के विपरीत एक ऐसे सकारात्मक युवक के रूप में रखा जा सकता है जो अपने आईटी ज्ञान या डिग्रियों या जल्दी ही विदेश जाने की खबर से अधिक इस बात के लिए पहचाना जाता है कि वह एक ऐसा व्यावहारिक युवक है जिसके संस्कार आज भी मुंह बोलते हैं। बीकानेर शहर के लिए यह खबर बड़ी हो सकती है कि जल्दी ही विनय विदेश जा रहा है लेकिन विनय के लिए यह बात ज़्यादा मायने नहीं रखती। सच तो यह है कि यही वह कंपनी है जो पिछले तीन साल से विनय की सेवाएं ले रही हैं। अब चाहती है कि विनय पूर्णकालिक रूप से कंपनी के लिए काम करे।

सैकड़ों लोगों को ब्लॉगिंग, कम्युनिटीज और सोशल नेटवर्किंग के जरिये जोड़ चुके विनय ने सही अर्थों में अपने ज्ञान को बांटने का कार्य किया है और शायद यही वजह है कि उसे गुणात्मक रूप से मिल रहा है।

अध्यात्म में गहरी रुचि रखने वाल विनय की अपनी एक दिनचर्या है जिसमें संतों का प्रतिदिन आशीर्वाद लेना शामिल है। सिर्फ इतना ही नहीं लंबे-चौड़े नेटवर्क वाले विनय ने अपने रेफरेंस-परसन के रूप में श्री शिवसत्यनाथजी महाराज और संवित् सोमगिरिजी महाराज जैसी विभूतियों का नाम रखा है जो विनय की सोच को पूरी तरह प्रकट करता है। तेजी से दौड़ते समय में भी विनय जहां व्यसन से पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं वही देश के प्रमुख मीडिया समूह से इतना करीब है कि लगभग हर दिन विनय के न्यूज आयटम या फोटोग्राफ्स बड़े समाचार पत्र और वेब-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। बहुत ही कम उम्र में एक हाइटेक पत्रकार के रूप में विनय ने जो पहचान बनाई है वह बीकानेर के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। सबसे बड़ी बात यह है कि इतनी उपलब्धियों के बावजूद विनय का विनयभाव कहीं कम नहीं है। अहं और बेरुखी से दूर मुस्कुराते हुए सभी के काम आने वाले, सभी को साथ लेकर चलने की सोच रखने वाले विनय ने वस्तुत: अपने माता-पिता के उस सपने को पूरा किया है जो उन्होंने विनय का नामकरण करते समय देखा होगा।

नाम जैसे ही गुण वाले विनय का यह जन्मदिन और अधिक उपलब्धियों का प्रतीक बने। विनय बीकानेर में रहे या जयपुर, दिल्ली या के हॉलैंड। हर जगह उसके संस्कार और व्यवहार जिंदा रहेंगे। हम ऐसी कामना करते हैं। यशस्वी विनय के लिए इस मुबारक दिन पर सिर्फ इतना ही क्योंकि विनय ही है जिसने मुझे नेट-फ्रेंडली बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई।

- हरीश बी. शर्मा