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Tuesday, August 3, 2010

ये दोस्ती...

सदाबहार अभिनेता धर्मेन्द्र सदा ही साफगोई के लिए विख्यात रहे हैं. मुझे याद है बीकानेर के सांसद रहते हुवे उन्होंने यह राय भी दी कि अगर कांग्रेस और भाजपा दोनों मिलकर देश चलाये तो कोई समस्या ही नहीं रहे. हाल ही में उन्होंने इंडियन आइडोल शो के दौरान ऐसी ही साफगोई से कहा जब पूछा गया कि जय और वीरू की जोड़ी आज भी याद की जाती है, लेकिन असल में आज भी जय और वीरू मिलते हैं क्या? इस सवाल का जवाब में उन्होंने कहा '' क्या करूँ वो पीता नहीं है''. धर्मेन्द्र का ये जवाब दोस्ती की साख भरने वाला था. बल्कि दोस्त का कद बढाने के लिए खुद को दांव पर लगाने जैसा था. मैंने ''एकलव्य'' की शूटिग के दौरान बीकानेर आये अमिताभ से भी ऐसा सवाल पूछा था. अमिताभ बच निकले थे. उन से अपने दोस्त धर्मेन्द्र के राजनीति में आने की वजह पूछी गई तो साफ़ कह दिया जो गए हैं उन से पूछें, मैं तो वापस आ गया हूँ.
कहने को आप धर्मेन्द्र को भोला कह सकते हैं. लेकिन अमिताभ बच्चन को चतुर नहीं साबित कर सकते. कौन नहीं जानता की धर्मेन्द्र को बीकानेर में जीतने के बाद हर मोर्चे पर विपरीत हालात मिले. लेकिन रणछोडदास नहीं बने. इस्तीफ़ा नहीं दिया. अपनी कोशिशों से बीकानेर के विकास पर पैसा भी लगाया लेकिन श्रेय हासिल नहीं कर पाए...अमिताभ चतुर होते तो रिश्ते बनाये रखते. दोनों कलाकार हैं, जी रहे हैं अपनी तरह से. एक है जो पीने को हर मुलाकात की शर्त मानता है ताकि कुछ भी निकाले तो इल्जाम दारू पर जाये और दूसरा इसी शर्त के चलते दोस्तों से मिलना भी टाल रहा है. उस के मन में ज़माने के इतने राज़ दफ़न है के चाहता ही नहीं हे के कुछ भी बहर निकल पाए. इसीलिए आवरण पर आवरण ओढ़ रहा है.
काश! दोनों भोले और भले कलाकारों को जो राजनीति के ककहरे में ही असफल हुवे हैं, किसी और बहाने से मिलने का मौका मिल जाये. धर्मेन्द्र-अमिताभ तो बात कहने का जरिया है दोस्तों, इस सन्दर्भ में सोचें, हम ने कितने आवरण ओढ़ रखें हैं. अगर दोस्तों से दूर हो जायेंगे तो बचेगा क्या?

4 comments:

  1. kya baat hai janaab...bahut khoob....

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  2. abinetaon ko rajneeri se door hi rahna chahiye , aisa mera manna hai qki onki chavi netao se bahut oopar hoti hai har ek k dil base hote hai , magar kisi party me bandh kar kuch na kuch logo ke dilo se raj neetigya ke roop me onse doori bana lete hai , jab ki dharam aur amitabh ki to baat hi kuch aur hai . kya kahe ...legend hai .
    thanks

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  3. क्या बात है !
    खूब लिखा !

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