LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

Saturday, June 5, 2010

तृप्तिबोध

तृप्तिबोध
तूने दिया
तूने बताया मैने पीया हलाहल
अब बच नहीं पाऊंगा
.....
तुझे क्या पता
तेरा यही रूप देखने
जी रहा था मैं
हां, अतृप्त

No comments:

Post a Comment