LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

Sunday, June 20, 2010

धक्कम-धक्की, खोसा-लूटी, मारपीट, चंडाळी में

तपे तावड़ो भोम पर, जावणों  जरुरी है
जीवां जित्ते भायला, सींवणों जरुरी है

चांदणे रा च्यार दिन, फेरूँ रात अंधारी है
मिळे तो लेवां मुकल़ावो, नीं जणे मजबूरी है

मुळके होठ, मनड़ो सैनाणी आँख्यां ताई देवे है
समझे कोई किस विध म्हाने, पीड़ा कित्ती डोरी है

आवण रा अनजाणा मारग, जाणे री ओळखी हाँ ठोड
महेल-माळीया, थाळी-बरतन, राखण री मज़बूरी है

धक्कम-धक्की, खोसा-लूटी, मारपीट, चंडाळी में
गेलो जोवे मानखे ने, मिनखपणों कमजोरी है

मिनखां में तो राम निकळयो, मिन्दर में ना दिख्यो राम
नेताजी रे कमरे माय, रामसभा सजियोड़ी है

महे बोल्यो हे राम ! ओ काई ? दीन बंधु तू तो भगवान
राम केयो तू  साच केवे पण रोटी अठे सोरी है

4 comments:

  1. ghani khamma harish bhai ,achcho kataksh karyo hai , footri ooliya hai ,
    sadhuwad

    ReplyDelete
  2. हरीश जी ,
    ब्लॉग रे नूवे डोळ सारु आप ने बधाई .
    खम्मा घणी !

    ReplyDelete
  3. bhai harish b. sharma apne dorko zaban ko zaban dene ka shukariya bahut khub bhatarin rchanao ke liye

    ReplyDelete